Thursday 22 September 2016

Hindi Chudai stories Audio Story


Devar Se Chud Gayi Bhabhi Ji : कई बार सपने में मैं अपनी प्रीति भाभी को उनकी तारीफ में कहता था ..” भाभी आप बहुत खूबसूरत हो आपके रसीले होठो का रस पीने के लिए कोई भी मर्द चाहेगा गोल गोल बड़ी आँखों में अजीब सी उलझन है आपकी पतली कमर देख कर कोई भी छूने को चाहेगा काजोल की जैसे बड़ी बड़ी चुचियां है आपकी दो मोटे कूल्हों को देखकर हर कोई दीवाना हो जाएगा सच कहूं भाभी आप एक हसींन हिरोइन जैसे दिखती हो.”
वो मुस्कुरा कर कहती हैं-”बस बस बहुत तारीफ करते हो वो भी झूठी ” ये क्या कहा आपने मैं भी कुर्बान जाऊं आप पर अगर झूठा निकला तो।
भैया को अक्सर शहर से बाहर जाना पड़ता है। एक बार भाभी ने काले रंग की साड़ी और ब्लाऊज पहना। भाभी गोरी हैं इसिलिए मैंने उसकी खूब तारीफ की और कहा – भाभी आप तो काले कपड़ो में बहुत ही खूबसूरत दिखाती हो वो मुस्कुरा के बोली झूठे कहीं के।



Subscribe Now to Get Latest hottest videos














फिर कई दिनों तक मन में एक सपना सजाता रहा कि कब भाभी को पा लूं और कस के उनकी गरम नरम चूत में अपना मोटा लन्ड डाल के उन्हें चीखने पर मज़बूर कर दूं।
एक दिन भैया ने सुबह जल्दी बाहर जाना था और मैंने उन्हें स्टेशन तक छोड़ने जाना था। मैं केवल अंडरवीयर पहने कसरत कर रहा था कि अचानक भाभी आ गई। मुझे एक झटका सा लगा और मैंने एकदम अपनी कमर पर एक तौलिया लपेट लिया। भाभी मेरे पास आईं और बोली- देवर जी ! आपकी बोडी तो बहुत जानदार है। मेरी बाजू पकड़ कर कहा- क्या सख्त बाजू है। मेरा लन्ड भाभी के नर्म हाथों का स्पर्श पाते ही मचलने लगा। भाभी ने तौलिये में मेरे लन्ड को फ़ूलते हुए देख लिया। फ़िर वो जल्दी से बोली – जल्दी तैयार हो जाओ, चलो तुम्हारे भैया राह देख रहे हैं, उनकी गाड़ी का वक्त हो रहा है। वो चली गई पर मेरा लन्ड गर्म हो चुका था। मैं भैया को स्टेशन छोड़ आया और फ़िर कालेज चला गया।
शाम को जब घर आया तो भाभी पड़ोस में गप्पें हान्क रही थी। मुझे देख कर वो अन्दर आ गई। आज उन्होंने गहरे नीले रंग का गाऊन पहन रखा था और अन्दर आ कर दरवाजा बंद करते ही उन्होंने कहा – क्यों देवर जी मैं काले कपडों में सुंदर लगती हूँ ना !
मैंने कहा – हाँ. तो उन्होंने मैं कैसी दिखती हू इन काले कपड़ो में ?
मैंने हँसते हुए कहा – भाभी तुमने तो नीले रंग का गाऊन पहना है.
उन्होंने शरारत से कहा उस दिन तो कहते थे भाभी तुम काली साड़ी और काले ब्लाऊज में अप्सरा लगती हो. आज क्या हुआ ? मैंने कहा – लेकिन भाभी आपने नीला गाऊन पहना हुआ है काला नहीं.
तभी मेरा ध्यान भाभी के कंधे पर दिख रहे ब्रा स्ट्रैप पर गया। मैंने आगे बढ कर ब्रा स्ट्रैप के नीचे उंगली डाल कर ऊपर को उठाया और कहा- अच्छा तो ये है काले रंग की ब्रा। लेकिन दिख तो नहीं रही, भाभी जरा दिखाओ ना।
” कुछ नहीं ! कुछ नहीं ! मैं तो मज़ाक कर रही थी “भाभी बोली।
मैंने कहा- भाभी प्लीज! दिखाओ ना ! प्लीज भाभी प्लीज ! बस एक झलक एक बार !
इतना सुनते ही भाभी ने अपना गाऊन निकल दिया मैं उसे देखते ही दंग रह गया सच भाभी काले रंग की छोटी सी सी ब्रा और काले रंग की बिल्कुल छोटी सी पैन्टी में थी। उसकी दोनों चूचियां आधी से ज्यादा नंगी थी जब पैन्टी उसकी आधी चूत को ही ढक पा रही थी दोनों ओर से चूत नंगी दिखाई दे रही थी ये नजारा देख कर मेरा लंड अंडरवियर में खड़ा होने लगा.
भाभी ने कहा ” उस दिन तो बड़ी तारीफ करते थे आज क्या हो गया ”. मैंने कहा “भाभी तुम्हारी चूचियां और चूत का कोई जवाब मेरे पास नहीं पहली बार किसी औरत का आधा बदन नंगा देखा है सच कह रहा हूँ तुम्हारी कसम भाभी इतनी खूबसूरत गदराई हुई जवानी पहली बार देख कर मैं बाग बाग हो गया हूँ ”
ये कहते हुए मैंने आगे कदम बढाया तो भाभी हिली नहीं अपनी जगह से. मैंने भाभी को कंधो से पकड़ कर अपने से चिपटा लिया। उन्होंने मुझसे कहा “ क्या कर रहे हो, पहले अन्दर चलो ”.
मै समझ गया कि आज भाभी दावत दे रही हैं। अन्दर जाते ही मैंने अपनी शर्ट निकल दी ,ऊपर का बदन नंगा हो गया फिर बिना सोचे अपनी पैंट उतार दी सिर्फ़ अंडरवियर में आ गया मेरी नजर भाभी की चुचियों पर गई छोटी सी ब्रा और बड़े कद की चूचियां कब तक छुपाती. मैंने पीछे जा के हूक खोल दी। दो नंगे फल भाभी के बदन पर झूलने लगे .वो कसमसाई मैंने उनकी बिना परवाह किए पैंटी को एक ही झटके में उतार दी और अपना अंडरवियर को निकाल दिया.उन्होंने नकली गुस्से से कहा .. ये क्या कर रहे हो.
मैंने कुछ सुना नहीं मैंने अपनी बाहों में नंगी भाभी के जिस्म को दबोच लिया वो कराहने लगी की मैने दोनों होठो को उसके रसीले होठो पर रख दिए और जी भर के उसका रस पान करने लगा एक हाथ से चुचियों को दबाता मसलता रहा दूसरे हाथ से उसका जिस्म पूरा कस के मेरे जिस्म से चिपकाया ये सब अचानक हो जाने से वो हाथ पाँव मारने लगी लेकिन उसका कुछ न चला ओर मैं भाभी के जिस्म को बुरी तरह रौंदने लगा होठो के बीच जीभ डाल के मैंने उसे बुरी तरह चूमा उसके मुह में .. आह्ह्ह उफ़. .मोनू .. मैं तुम्हारी भाभी हूँ .. ये ग़लत है .. छोड़ दो मुझे ..जग गगग ..की आवाज निकलने लगी पर मैं पूरी तरह से उनकी भरी भरी चूचियों को दबाता रहा उसकी कड़ी निप्पल को दो उंगली के बीच ले के मसलने लगा भाभी अब सिस्कारियां भरने लगी ..नही .. प्लिज्ज़ ..उईई ईई …. धीरे ..मोनू ऊउऊ ..लेकिन अब उसका विरोध ख़तम हो गया था.
हम दोनों की सांसे तेज होने लगी मैंने जम कर भाभी के पूरे बदन को बेतहाशा चूमा .. .. मेरे होंठ उसके बदन पर फिसलने लगे .. एकदम गोरा और चिकना बदन था .अभी तक मैंने उसकी चूत पर हाथ नहीं लगाया था .. वो दोनों जांघो को सिकोड़े हुए थी .. मेरे हाथ और होंठो के स्पर्श से वो … ऐसी आवाजे निकलने लगी थी. प्रीति भाभी अब मीठी मीठी आहें भरने लगी मेरी ध्यान अब उसके पेट से होते हुए गहरी नाभि पर गया मैंने वहां सहलाया तो उन्होंने सिहर कर अपनी जांघे खोल दी और अब मेरी नजर उन की चूत पर पड़ी मैं झूम उठा एक भी बाल नहीं था गुलाबी रंग की चूत के बीच में एक लाल रंग का होल दिखाई दिया ये देख कर मुह में पानी आ गया.
भाभी के जिस्म को चारो ओर से चूमने सहलाने और दबाने के बाद चूचियों को प्यार से मुंह में लेकर कई बार चूसा भाभी का अंग अंग महक ने लगा उसकी दोनों चूचियां कड़ी ओर बड़ी हो गई उसके लाल लाल निप्प्ल उठ कर खड़े हो गए तीर की तरह नुकीले लग रहे थे. तब मेरी भाभी मुझसे जोर से लिपट गई। दो बदन एक दूसरे से रगड़ने लगे मेरी सांसे फूलने लगी हम दोनों तेजी से अपने मकसद की ओर आगे बढ़ने लग॥ १० मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे को पूरा चूमा सहलाया। भाभी ने पहली बार शरमाते शरमाते लंड को पकड़ा तो बदन में बिजली सी दौड़ गई पहली बार मैंने कहा “मेरी जान उसके साथ खेलो शरमाओ मत अब हम दोनों में शर्म कैसी .”
मेरा बदन बहुत ही गरमा चुका था तब मैंने भाभी को फर्श पर लिटा दिया ओर उसके ऊपर आके जोर से चुचियों को फिर से दबाया पर बाद में मैंने चूत की तरफ़ देखा. चूत तो पूरी गीली थी. उसमे से जूस ऐसे निकल रहा था जैसे नल से पानी बह रहा हो. अब मैंने भाभी के पावों को चौडा किया तो उनकी फूली हुयी गुलाबी चूत पूरी तरह दिखने लगी .भाभी की गुलाबी चूत को देख कर मैंने कहा “भाभी सच बहुत ही चिकनी है तेरी ये चूत बिना बाल की गोरी उभरी हुई। दिल कर रहा है इसे खा जाऊं ” इतना कह कर मैं उसकी चूत पर झुका और चूत के होठों को अपने होठों से चूमने लगा।
भाभी तो जैसे उछल पड़ी। ओह आ मोनू ………॥अऽऽऽ ये क्या कर रहे हो…ऐसा तो तुम्हारे भैया भी नहीं करते कभी.. ओह मुझे अजीब सा लग रहा है। भाभी की सिस्कारियों से पूरा कमरा गूंजने लगा। मैं बड़े प्यार से भाभी की चूत को चूसता, चूमता चाटता रहा। वो अपने होठों पर जीभ फ़ेर रही थी और मचल रही थी कि अचानक चिल्लाई- मोनू छोड़ मुझे… आहऽऽमेरा हो रहा है…जोर से…कहते हुए मेरा सिर अपनी जान्घों में दबा लिया और मेरे बाल खींचने लगी। …भाभी ने आह ऽऽ भरते हुए जल्दी जल्दी तीन चार झटके पूरे जोरों से अपने चूतड़ उठा कर मारे। मैंने फ़िर भी उनको नहीं छोड़ा और अपनी जीभ से उनकी चूत से बहने वाले रस को चाट गया।
वो कह रही थी- अब हट जाओ मोनू, अब सहन नहीं हो रहा। अब अपनी प्यारी भाभी को चोदो। फ़ाड़ दो मेरी चूत को अपनी भाभी की चूत में घुस जाओ। मैं पहले से जानती थी कि तुम मुझे चोदना चाह्ते हो, मैं भी तुम से चुदना चाहती थीअब मैं भी भाभी की चूत का स्वाद अपने लौड़े को चखाना चाहता था। मैं भाभी के ऊपर आया तो भाभी ने सिर उठा कर मेरे लौड़े कि तरफ़ देखा। उन्होने कहा- देवरजी ! मैं तो मर जाऊंगी इतने मोटे और लम्बे से।
मैंने पूछा किस मोटे और लम्बे से?
वो शरमाते हुए बोली तुम्हारे लो ऽऽऽ लौड़े से !
मैंने कहा-कुछ नहीं होगा… और भाभी की टांगें चौड़ी की तो उनकी चूत के होंट ऐसे खुल गये जैसे किसी फ़ाइव स्टार होटल के दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं किसी के आने पर। मैंने अपनी दो अंगुलियों से चूत को थोड़ा और खोला और अपना लन्ड का सिर उस पूरे खिले गुलाब के फ़ूल में रख दिया। भाभी ने कहा – थोड़ा अन्दर तो करो !
मैने कहा- अभी करता हूं। यह कह कर मै अपना लौड़ा धीरे धीरे बाहर ही रगड़ने लगा। भाभी बेचैन हो उठी। वो अपने चूतड़ ऊपर को उठा उठा कर लौड़े को अपनी चूत में डलवाने की कोशिश कर रही थी। मैं उनको तड़फ़ाते हुए उनकी सारी कोशिशें नाकाम कर दिए जा रहा था।
“अब डालो ना !” भाभी बोली।
“क्या डालूं… और कहां …” मैंने भाभी से पूछा।
“अच्छा बताऊं तुझे? बहनचोद ! अपनी भाभी की चूत में अपना लौड़ा डाल और चोद साले ! भाभी तड़फ़ते हुए बोली।
भाभी के मुंह से ऐसी गालियां सुन कर मैं हैरान रह गया।
तभी भाभी ने एक ऐसा झटका दिया ऊपर की तरफ़ अपने चूतड़ों को कि एक बार में ही मेरा पूरा का पूरा लौड़ा भाभी की चूत की गहराई में उतर गया। भाभी के मुख से निकला- आह हय-मार दिया ! एक दर्द मिश्रित आनन्द भरी चीख !
अब मैं भाभी के ऊपर गिर सा गया और उनको हिलने का मौका ना देकर उनके होंट अपने होंटों से बंद कर दिये और अपने चूतड़ ऊपर उठा कर एक जोर का धक्का मारा तो भाभी फ़िर तड़प गई।
इसके बाद तो बस आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…धीरे…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…रुक जरा … हां… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…जोर से… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…हांऽऽअः……हांऽऽअः…हांऽऽअः…ह्म्म… हांऽऽअः
हम दोनो की एक जैसी आवाजें निकल रही थी। काफ़ी देर ऐसे ही चलता रहा। बीच बीच में भाभी बड़बड़ाती रही- मज़ा आ रहा है ! करते रहो ! चूसो !
भाभी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और मेरा लौड़ा बड़े आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था। भाभी भी अपने चूतड़ उठा उठा कर सहयोग कर रही थी। वो मदहोश हुई जा रही थी। उनके आनन्द का कोई पारावार ना था। ऐसा मज़ा शायद उन्हें पहले नहीं मिला था।
अब मैं चरमोत्कर्ष तक पहुंचने वाला था। मैंने भाभी को कहा – ले प्रीति ! ले ले मेरा सारा रस ! पिला दे अपनी चूत को !
“हां ! भर दे मेरी चूत अपने रस से मेरे मोनू भैया ! ” भाभी बोली।
और मैंने पूरे जोर से आखिरी धक्का दिया तो मेर लन्ड भाभी के गर्भाशय तक पहुंच गया शायद और वो चीख पड़ी- मार डालेगा क्या?
मेरे मुंह से निकला- बस हो गया ! मेरा लन्ड भाभी की चूत में पिचकारियां मार रहा था। भाभी भी चरम सीमा प्राप्त कर चुकी थी। फ़िर कुछ रुक रुक कर हल्के हल्के झटके मार कर मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा। हम दोनों अर्धमूर्छित से पड़े रहे काफ़ी देर। पता नहीं कब नींद भी आ गई।
जब मेरी नींद खुली तो देखा कि भाभी उसी तरह नंगी मेरी बगल में बेसुध हो कर सो रही थी। उनके मुख पर असीम तृप्ति का आभास हो रहा था। उनके लबों पर बहुत हल्की सी मुस्कान भी दिख रही थी। मैं धीरे से उठा और रसोई में जाकर दो कप चाय बना कर लाया तो देखा भाभी वैसे ही सो रही थी। मैं उनके पास गया और उनके लबों को हल्के से चूम लिया। जैसे ही मेरे होंठ ने उनके होंठों को स्पर्श किया, भाभी ने आंखें खोल दी और मुस्कुरा कर मेरी आंखों में झांकने लगी।
मैंने भाभी से कहा- “तो सोने का बहाना कर रही थी आप?”
भाभी बोली- मैं तो तभी जाग गई थी जब तुम यहां से उठ कर गए थे, लाओ अब चाय तो पिला दो जो प्यार से बना के लाए हो।
हमने चाय पी। तब तक रात के आठ बज चुके थे। मैंने भाभी से पूछा – कैसा लगा?
भाभी ने शरमा कर नज़रें झुका ली, कुछ बोली नहीं।
मैंने उनकी ठोडी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर को उठाया और फ़िर पूछा कि कैसा लगा आज मेरे साथ।
भाभी शर्मिली मुस्कान के साथ बोली- बहुत मज़ा आया, मज़ा तो तुम्हारे भैया के साथ भी बहुत आता है, पर तुम्हारे अन्दर नया जोश है
“पहले ऐसा ही मज़ा आता था भैया के साथ?” मैंने पूछा।
” सच कहूं तो ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया, मुझे तो पता भी नहीं था कि इतना मज़ा भी आता होगा चुदाई में” भाभी ने कहा। भाभी के मुंह से चुदाई शब्द सुन कर मैं अवाक रह गया। फ़िर मैंने भाभी से कहा- भाभी ! मैंने आपको इतना आनन्द दिया है, मुझे ईनाम मिलना चाहिए
” हां ! ईनाम के हकदार तो तुम हो। बोलो क्या चाहिए तुम्हें ईनाम में?” भाभी ने पूछा।
“मैं तो ऐसे ही कह रहा हूं, आप मिल गई, मुझे तो मेरा ईनाम मिल गया” मैंने कहा।
” नहीं, फ़िर भी मैं तुम्हें कुछ ना कुछ ईनाम जरूर दूंगी” भाभी ने कहा।
” जैसी आपकी मरजी ! अगर मैंने अपनी तरफ़ से कुछ मांग लिया तो देना पड़ेगा भाभी ! ” मैंने कहा।
” हां हां जरूर ! मेरे बस में हुआ तो जरूर दूंगी” भाभी ने आश्वासन दिया।
” अच्छा अब बताओ रात के खाने में क्या बनाऊं? ” प्रीति भाभी ने पूछा।
“अब क्या बनाओगी, मैं बाज़ार से ले आता हूं कुछ, वैसे भी मैं अभी सारी रात बाकी है। आप मुझे खाना, मैं आपको खाऊंगा” मैंने भाभी को छेड़ा।
मैंने बाज़ार जाने के लिए उठते हुए कहा- भाभी ! मैं बाज़ार से खाना ले कर आता हूं। आप बस ऐसे ही नंगी रहना, कपड़े नहीं पहनना। भाभी भी मेरे साथ खड़ी हो गई यह कहते हुए कि दरवाजा भी तो बंद करना होगा। भाभी मेरे पीछे पीछे आईं और मुझे कहा देखो बाहर कोई है तो नहीं, मैं दरवाजा बंद कर लूं।
जब मैंने बाज़ार से आकर दरवाजे की घण्टी बजाई और भाभी ने दरवाजा खोला तो वो वही नीला गाऊन पहने थी।
अन्दर आते आते मैंने पूछा कि गाऊन क्यों पहना?
तो कमरे में पहुंच कर भाभी बोली- आज तो बस बच गई। अभी अभी थोड़ी देर पहले दरवाजे की घण्टी बजी थी और मैंने समझा तुम ही होगे और मैं बिना गाऊन पहने दरवाजा खोलने ही वाली थी कि मुझे पड़ोस वाली रितु की आवाज सुनाई दी। वो मुझे ही पुकार रही थी। मैंने दौड़ कर गाऊन पहना और फ़िर दरवाजा खोला।
क्या करने आई थी रितु? रितु वही जो चार पांच घर छोड़ कर रहती है, नमिता आन्टी की बेटी?
हां वही, तू तो सबको जानता है?
बड़ी मस्त चीज है वो, एक बार मिल जाए तो साली को चोद चोद कर चार छः बच्चों की मां बना दूं।
“तेरा बस चले तो तू सारी दुनिया की लड़कियों को चोद चोद कर मां बना दे” भाभी बोली।
“सारी दुनिया को नहीं तो भाभी आपको तो अब जरूर मां बना दूंगा” मैंने कहा।
यह सुन कर भाभी भावुक हो उठी, उनकी आंखें गीली हो गई, वो बोली- तीन साल हो गए शादी को ! अब तक तो कोई आस बंधी नहीं, पता नहीं कब मैं मां का शब्द सुनूंगी अपने लिए। और तुम क्या सोचते हो कि मैंने ये सारी रासलीला तुम्हारे साथ शारीरिक आनन्द के लिए रचाई है? यह सब मैंने औलाद का सुख पाने के लिए किया है। भाभी रोती जा रही थी और बोलती जा रही थी-” वैसे तो तुम्हारे भैया में कोई कमी नहीं है, वो मुझे सहवास का पूरा पूरा मज़ा देते हैं, पर पता नहीं क्यों मैं गर्भवती क्यों नहीं हो रही। अब देखो तुम क्या गुल खिलाते हो? इतना कह कर भाभी के चेहरे पर कुछ मुस्कुराहट आई।
मैंने आगे बढ कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और कहा- भगवान ने चाहा तो अगले साल तक मैं चाचाऽऽ… नहीं आपके बच्चे का पापाऽऽ… नहीं बस चाचा … हां … चाचा ही ठीक है, बन जाऊंगा।
अगर ऐसा हो गया तो मैं तुम्हें मुंह मांगा ईनाम दूंगी- भाभी ने भरे गले से कहा।
तो अब दो ईनाम हो गये- एक तो आपने चाय पीते हुए वायदा किया था आज ही और दूसरा अब जो अगले साल या उससे भी पहले मिल सकता है।
दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,
कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा …
आपके जवाब के इंतेज़ार में …
आपका अपना
सुजीत सिंह

देवर से चुदवाया खुश होकर Hindi Story


Devar Se Chudwaya Khush Hokar : हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में गोरखपुर की रहने वाली हूँ। दोस्तों में पहली बार इस साईट पर कुछ लिख रही हूँ.. मैंने इस पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है.. जो मुझे बहुत अच्छी लगी और जिन्हें पढ़कर मुझे यह कहानी लिखने की इच्छा हुई और आज में जो कहानी बताने जा रही हूँ.. वो मेरे जीवन मैं घटी हुई एक सच्ची घटना है। जिसे कुछ लोग शायद झूठ समझ लेंगे या कुछ लोग समझ लेंगे कि कॉपी की हुई है.. लेकिन मुझे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप क्या सोचते हैं। बस में लिख रही हूँ और मुझसे इसमें कोई गलती हो तो मुझे माफ़ करना। दोस्तों मेरे देवर ने ज़रूर मेरी कई बार चुदाई कर डाली.. लेकिन वो मेरे घर की बात है। मेरी उम्र 27 साल है और में एक सामान्य फिगर की औरत हूँ। मेरी चूचियाँ बहुत बड़ी तो नहीं.. लेकिन हाँ इतनी मस्त तो ज़रूर है कि मेरे देवर उन्हे मसलकर खुश हो जाते है और वो ऐसे ही उन्हे मसलने की कोशिश में रहते है। मेरे देवर की उम्र 25 साल है और वो देवरिया में रहता है।



Subscribe Now to Get Latest hottest videos













फिर वो जब भी मेरे घर पर आता है.. तो बस मेरे साथ छेड़खानी करता रहता है। मेरे देवर के साथ मेरी चुदाई की घटना उस वक़्त हुई.. जब में एक शादी में शामिल होने देवरिया गयी हुई थी। फिर शादी के दो दिनों के बाद ही मेरे पति वापस हमारे घर पर लौट गये और में वहीं पर कुछ दिनों के लिए रुक गयी। तभी अचानक एक दिन मेरे सास, ससुर को एक रिश्तेदार के यहाँ पर किसी जरूरी काम से जाना पड़ा और फिर उसी शाम को उन्होंने फोन करके कह दिया कि वो आज रात नहीं आएँगे। उस दिन हम सभी (मेरा मतलब है में, मेरे देवर और उनकी पत्नी) एक ही कमरे में सोए हुए थे।
फिर एक पलंग पर मेरी देवरानी उनकी बेटी और एक पलंग पर में और दूसरे पलंग पर देवर जी.. ऐसे हम सभी सो रहे थे कि अचानक मुझे मेरे पैरों पर कुछ हरकत सी महसूस हुई और फिर जब मैंने आँखें खोली तो पूरा अंधेरा था.. क्योंकि देवर जी ने सारी लाईटे बंद कर दी थी.. तो मुझे कुछ भी नहीं दिख रहा था। बस मेरे पैरों पर कुछ हरकत महसूस हो रही थी और में समझ गयी कि यह ज़रूर देवर जी ही होंगे और वो धीरे धीरे मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ उठा रहे थे.. तो मैं उनके हाथों को छुड़ाने के लिए ताक़त लगा रही थी.. लेकिन वो छोड़ना ही नहीं चाह रहे थे और में चीख भी नहीं पा रही थी.. क्योंकि मुझे अपनी देवरानी के उठ जाने का डर था.. लेकिन वो उठ जाती तो देवर जी के साथ में भी बदनाम हो जाती।
में बस किसी तरह अपने पैरों को छुड़ा लेना चाहती थी.. लेकिन वो पूरी ताक़त से मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ सरकाए जा रहे थे और उनका एक हाथ धीरे धीरे मेरी जांघों तक पहुँच गया और वो मेरी जांघों को हल्के हल्के दबाने लगे। मुझे भी अब मज़ा तो आ रहा था.. लेकिन बहुत डर भी लग रहा था। फिर उनका एक हाथ मेरी जांघों को सहला रहा था और दूसरे हाथ को उन्होंने मेरे पेट पर रख दिया और सहलाने लगे और धीरे धीरे अपना हाथ मेरे बूब्स की तरफ बढ़ाने लगे। तो मैंने उनका हाथ पकड़ा तो भी उनका हाथ मेरी चूचियों तक पहुँच ही गया और अब धीरे धीरे वो मेरी चूचियों को सहलाने लगे.. लेकिन में डर से कांप रही थी कि तभी देवरानी ने करवट बदली तो मेरे देवर जी हड़बड़ा कर वहाँ से उठकर अपने पलंग पर चले गए और मैंने तब चैन की सांस ली।
मेरी धड़कने बहुत तेज हो गयी थी और फिर मैंने तुरंत अपने बेटे को अपने सामने की तरफ सुला दिया और में खुद दीवार की तरफ जाकर सो गयी.. लेकिन कुछ देर बाद मेरा देवर फिर से आया और उसने मेरे बेटे को उठाकर अपने पलंग पर सुला दिया और खुद मेरे पलंग पर आकर लेट गया। फिर में डरते हुए फुसफुसाकर उनके कान में बोली कि प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे बहुत डर लग रहा है.. लेकिन उसने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया और मेरी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। फिर उसने मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिया.. लेकिन में चीख भी नहीं पा रही थी और ना ही खुलकर मज़े ले पा रही थी। मेरे ब्लाउज के हुक खुलते ही मेरी दोनों नंगी चूचियों को उसने बड़े प्यार से मसलना शुरू कर दिया। फिर धीरे धीरे उसका हाथ मेरे पेट से होते हुए मेरे पैरों तक गया और मेरी साड़ी को ऊपर खींचने लगा और में उसे रोक नहीं पा रही थी। फिर उसने मेरी साड़ी को मेरे पेट तक उठा दिया और मैंने उसके हाथों का एहसास अपनी चूत पर किया..
में कभी भी पेंटी नहीं पहनती हूँ और इसलिए उसे बड़ी आसानी से मेरी नंगी चूत हाथ लग गयी और वो धीरे धीरे मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरी चूत तो पहले ही पानी पानी हो गयी थी और उसके हाथ लगते ही फूलकर रोटी बन गयी थी और फिर उसने मेरी चूत को सहलाते सहलाते अचानक अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाल दी.. तो मेरे मुहं से अब सिसकियाँ निकलने लगी थी.. लेकिन में उन्हे दबाने की पूरी कोशिश कर रही थी.. लेकिन मेरी सिसकियाँ रुक नहीं पा रही थी। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूचियों को मसलने में लगाया हुआ था और दूसरे को मेरी चूत पर रखकर मेरी चूत को सहला रहा था। तभी अचानक उसने अपना मुहं मेरे चूचियों पर लगा दिया और मेरी चूचियों को चूसने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे उस मज़े में एक डर भी था।
फिर मेरा देवर अंधेरे में ही मेरी दोनों चूचियों को चूस रहा था और मेरी चूत से खेल रहा था। तभी अचानक मैंने महसूस किया कि उसने अपनी पेंट उतार दी है और उसके लंड का एहसास मुझे अपनी चूत के पास हो रहा था। उसने अपने दोनों हाथों को मेरी पैरों के पास ले जाकर मेरे पैरों को सहलाते हुए फैला दिया और अपना लंड मेरी चूत में मुहं पर सटा दिया और में बहुत डर रही थी कि अब में अपनी चीख को कैसे रोकूँ.. लेकिन देवर पूरा पक्का खिलाड़ी था और वो धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर धीरे धीरे देवर जी ने लगातार चोदना जारी रखा और में बहुत खुश हो रही थी और मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था। फिर वो धीरे धीरे करीब 30 मिनट तक मुझे लगातार चोदता रहा और में इन 30 मिनट में दो बार झड़ चुकी थी। तभी अचानक उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ लिया और उसका शरीर मुझे ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा और उसने अपना सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिया और मेरे ऊपर निढाल होकर सो गया और कुछ देर बाद मैंने उसे उठाया और कहा कि अपने बिस्तर पर जाओ।
तो वो चुपचाप उठकर अपने बिस्तर पर गया और मेरे बेटे को मेरे पास सुलाकर खुद अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया और मुझे उसकी इस चुदाई से बहुत मज़ा मिला था.. लेकिन ज्यादा अंधेरा होने के कारण और देवरानी के भी पास में रहने के कारण जो मज़ा मुझे मिलना चाहिए था वो नहीं मिल पाया और में उससे दोबारा चुदवाना चाहती थी.. लेकिन मुझे सही मौका नहीं मिल रहा था। फिर दूसरे दिन मेरे सास, ससुर भी आ गये और फिर तो मौके का कोई सवाल ही नहीं उठता था। फिर दूसरे दिन मैंने देवर जी से पूछा कि तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? तो उसने कहा कि में उसे बहुत अच्छी लगती हूँ और वो मुझसे बहुत प्यार भी करता है। तो मैंने भी उससे कहा कि तुमने जो सुख मुझे दिया उसके बाद से तो में भी तुम्हे प्यार करने लगी हूँ।
फिर कुछ दिनों के बाद में वापस गोरखपुर आ गयी.. लेकिन अब में रोज अपने देवर से मोबाईल पर बातें करने लगी और एक दिन देवर जी खुद गोरखपुर आ गया। दिन में घर के और भी लोग साथ में सोते थे.. तो में उनसे दूर ही रहती थी.. क्योंकि वो मेरे पीछे ही पड़ा रहता था और रात में मेरे पति.. लेकिन मेरे पति के रहने के बावजूद उसने मुझे फिर से कई बार चोदा और मैंने भी उसे प्यार से चोदने दिया और अब तो वो जब भी गोरखपुर आता है तो वो मेरी जमकर चुदाई करता है और में भी उससे बड़े प्यार से चुदवाती हूँ। दोस्तों सच में मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आता है.. क्योंकि वो मेरे पति से बहुत ज्यादा जमकर मेरी चुदाई करता है और मेरी चूत की आग को ठंडा कर देता है.. क्योंकि मेरे पति का लंड उसके लंड से थोड़ा छोटा और पतला है और में उसकी इस चुदाई से बहुत खुश हूँ ।।

Bhabhi ki chuut ki garmi mita di Hindi audio kahani


Anjan Bhabhi Se Pyar Unke Ghar Main : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में नॉएडा सेक्टर 11 में रहता हूँ, में शादीशुदा हूँ और नॉएडा में ही जॉब करता हूँ। आप सब को तो आजकल का जॉब कल्चर पता ही होगा। 9 घंटे तक बैठे बैठे आदमी का सब पुर्जा ढीला हो जाता है, इसलिए मैंने एक जिम जॉइन किया। में रोजाना जिम जाता था और वो एक यूनिसेक्स जिम था, वहाँ खूबसुरत लड़कियाँ, आंटियां आती थी। में थोड़ा शर्मीला टाईप का हूँ तो में जिम जाकर अपना एक्सरसाईज करता और घर आ जाता। एक दिन में जब जिम गया तो मैंने देखा कि एक बहुत ही खूबसूरत लेडी एक्सरसाईज़ कर रही थी। मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया और अपनी एक्सरसाईज़ में लग गया। फिर वो भी मेरे बगल में आकर एक्सरसाईज करने लग गई और ऐसे ही कुछ दिन बीत गये। फिर करीब 1 हफ्ते के बाद में जिम में लेटकर एक्सरसाईज कर रहा था और वो मेरे बगल में आकर मेट बिछाकर लेट गयी और मुझे पूछने लगी कि अप्पर एबेस का एक्सरसाईज़ कैसे करना है? तो मैंने उसको बता दिया और ट्रेनर को बुलाकर उसको हेल्प करने को कहा। अब में एक्सरसाईज़ ख़त्म करके घर जा रहा था, तभी पीछे से मेरा नाम कोई बुला रहा था तो फिर में अचानक से मुड़ा, तो मैंने देखा कि पीछे वो लेडी थी।




Subscribe Now to Get Latest hottest videos














में : फिर मैंने पूछा कि आप मेरा नाम कैसे जानती है?
लेडी : उसने कहा कि जिम की एंट्री बुक से देखा है।
में : मैंने पूछा बोलो, में आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?
लेडी : क्या में घर तक आपके साथ चल सकती हूँ?
में : फिर में अचानक से बोला, आप जानती है कि में कहाँ रहता हूँ?
लेडी : हाँ, में जानती हूँ।
में : कैसे?
लेडी : में आपके एक घर छोड़कर रहती हूँ और मैंने आपको ऑफिस जाते हुए, अपने बच्चे के साथ बाहर ठहलते हुए अक्सर देखा है।
में : तुम बहुत स्मार्ट लेडी हो।
फिर हम आगे बढ़े और मैंने उनका नाम पूछा और उसने अपना नाम शिल्पा बताया।
में : आपके पति क्या करते है?
शिल्पा : बिज़नेस करते है।
में : आपके कोई बच्चा है?
शिल्पा : हाँ, एक 5 साल की गुड़िया है।
में : अच्छा, तो स्कूल जाती होगी।
शिल्पा : हाँ, वो अपने पापा के साथ जाती है।
में : पापा के साथ?
शिल्पा : हाँ, उसके पापा उसे स्कूल ड्रॉप करते है और फिर अपनी शॉप पर जाते है।
में : घर आ गया है और अब में चलता हूँ।
शिल्पा : ओके, क्या हम रोज़ साथ जिम चले?
में : ठीक है।
शिल्पा : आपका फोन नंबर दे जाओ।
अब मुझे थोड़ा अजीब लगा कि एकदम से कैसे फोन नंबर दे दूँ? और में बोला कि में जिम के लिए 8 बजे निकलता हूँ आप मुझे नीचे मिलना, क्योंकि में जिम में मोबाईल नहीं लाता हूँ। फिर हम अपने अपने घर गये और रोज के अपने अपने कामों में व्यस्त हो गये। फिर अगले दिन जब में 8 बजे जिम के लिए निकला तो वो मुझे नीचे मिली और मुझे देखकर एक प्यारी सी स्माईल दी। उस दिन शनिवार का दिन था, तो जिम में बहुत भीड़ थी। फिर मैंने जल्दी-जल्दी से अपनी एक्सरसाईज़ को ख़त्म किया और बाहर आ गया, वो भी मेरे साथ बाहर आ गई और हम साथ ही घर की तरफ रवाना हो गये।
शिल्पा : आज का क्या प्लान है?
में : कुछ ख़ास नहीं, थोड़ा घर का काम है वो करना है।
शिल्पा : मेरे घर आइये दोपहर में, मुझे अच्छा लगेगा और खूब मज़ा करेंगे।
में : देखता हूँ।
शिल्पा : ये मेरा फोन नंबर है, अगर मूड बने तो आइयेगा।
अब में थोड़ा हैरान था कि शिल्पा मुझमें इतनी रूचि क्यों ले रही है? वो तो शादीशुदा है। फिर सोचा कि चलो बोला है तो मिल लेंगे। फिर मैंने अपनी पत्नी से कहा कि में एक दोस्त के वहाँ जा रहा हूँ और 1 या 2 घंटे में आ जाऊंगा। फिर में बिना फोन किए उसके घर 4 बजे पहुँचा और दरवाजे की घंटी बजाई तो शिल्पा ने दरवाजा खोला और सर्प्राइज़ लुक देने लगी। फिर मैंने कहा कि आपने बुलाया और हम आ गये तो शिल्पा ने बड़े प्यार से मुझे अंदर बुलाया और मेरे गले लग गई। फिर में बोला कि ये कुछ ज्यादा ही गर्म वेलकम हो गया है। फिर वो बोली कि ये तो कुछ भी नहीं है, अगर आप चाहों तो बहुत कुछ हो सकता है। वो जब एक सेक्सी सा गाऊन पहने थी, जिससे उसका पूरा फिगर मालूम पड़ रहा था, क्या कहूँ यारो? वो क्या क़यामत लग रही थी।

अनजान भाभी से प्यार उनके घर में Sex Story

Anjan Bhabhi Se Pyar Unke Ghar Main Part 2 : फिर वो अंदर गयी और मेरे लिए जूस लेकर आई। फिर मैंने कहा कि ये सब किस लिए। फिर उसने कहा कि आज आप पहली बार मेरे घर आए हो तो कुछ तो देना पड़ेगा तो मैंने कहा वो तो आप दे चुकी हो, तो वो शर्मा कर बोली कि वो तो ट्रेलर था पिक्चर तो अभी बाकी है। फिर मैंने पूछा कि घर में कोई नहीं है क्या? तो शिल्पा ने कहा कि मे हूँ वो काफ़ी नहीं है क्या? तो मैंने कहा कि वो तो काफ़ी है, लेकिन में आपकी बेटी और पति की बात कर रहा था। फिर शिल्पा ने कहा कि कल शाम तक वो एकदम अकेली है और अब हमें टाईम बर्बाद नहीं करना चाहिए। अब में थोड़ा शॉक हो गया कि ये क्या बोल रही है? फिर में कुछ कहता उससे पहले शिल्पा आकर मेरी गोदी में बैठ गयी और मुझे किस करने लगी। अब में कुछ देर तक हैरान था कि ये अचानक से इसको क्या हो गया है? फिर में भी उसका साथ देने लगा। दोस्तों अगर कोई तरबूज खुद ही कटना चाहता हो तो चाकू बेचारा क्या करे?




Subscribe Now to Get Latest hottest videos













अब उसके बूब्स मेरी छाती पर दब रहे थे, शिल्पा का बहुत ही बढ़िया बूब्स है। अब वो पागल सी हो चुकी थी, अब किस करते-करते उसने मेरे कपड़े उतारना चालू किया। अब में भी वो ही करने लगा था, वो तो सिर्फ गाउन पहने थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं था। फिर मैंने उससे पूछा कि अंडरगार्मेंट्स क्या पहले से निकाल दिए थे? फिर उसने कहा कि वो घर पर सिर्फ गाउन पहनती है। फिर वो खड़ी हो गई और मुझे भी बेडरूम में जाने के लिए खींचने लगी। फिर मैंने उसको पीछे से बाहों में लिया और उसके बूब्स दबाने लगा। अब उसकी पीठ मेरे सीने से लग रही थी और मेरा लंड उसकी गांड के अन्दर जाकर फिट हो गया। फिर हम ऐसे ही धीरे-धीरे बेडरूम की तरफ बढ़े और अब में उसकी गर्दन को किस कर रहा था और साथ ही बूब्स दबा रहा था और अब वो एकदम मदहोश हो चुकी थी।
अब बेडरूम में अन्दर आते ही उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरे लंड को लॉलीपोप के जैसे चूसने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने मेरा सारा पानी उसके मुँह पर छोड़ दिया और वो मेरा सारा पानी पी गई। फिर मैंने उसको बेड पर लेटाया और उसकी क्लीन शेव चूत को चाटने लगा, क्या कहूँ दोस्तों? क्लीन शेव चूत का अलग ही मज़ा है। अब में उसको अपनी जीभ से चोद रहा था और फिर वो थोड़ी देर के बाद झड़ गई। फिर में उठकर उसके बगल में सो गया और उसके बूब्स से खेलने लगा और वो भी मेरे लंड से खेलने लगी। अब मेरा लंड फिर से टाईट हो गया और उसको बुलाने लगा तो वो देखकर उठ गई और मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में घुसाने लगी। अब वो मेरे ऊपर थी और उसके बाल खुले हुए थे, वो क्या खूबसूरत लग रही थी? अब उसके बूब्स मेरे मुँह के सामने हिल रहे थे। अब में उसके हिलते हुए बूब्स को पकड़कर चूसने लगा और अब वो ऊपर नीचे हिल रही थी और चिल्ला रही थी कि इस लंड के लिए में कब से तरस रही थी, आअज्जज अब मिला है, मुझे पूरा चोदो, अब मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अंदर घुसता जा रहा था और मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी भी महसूस कर रहा था।
अब शिल्पा मेरे लंड की दीवानी हो चुकी थी और वो बहुत गर्म भी हो गई थी, अब वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से  किस भी कर रही थी। फिर में उसको बाहों में लेकर बैठ गया और अब भी मेरा लंड अंदर ही था। फिर हम बैठकर चोदने लगे, तभी उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया। अब वो अपने अंतिम चरण में पहुँच गयी थी। फिर हमने अपनी स्टाईल को चेंज किया और डॉगी पोज़िशन में आ गये, अब मेरा लंड थोड़ा नीचे की और झुका तो डॉगी पोज़िशन में उसके प्यूबिक एरिया में वो घिस रहा था। अब उसको बहुत मज़े आ रहे थे और अब में साथ साथ उसके चूत के दाने को भी अपनी उंगली से रगड़ रहा था। फिर कुछ देर के बाद शिल्पा फिर से झड़ गई और ये उसका दूसरी बार था।
फिर शिल्पा ने कहा कि आज जितना मज़ा उसको आ रहा है, इतना मज़ा उसको उसकी 7 साल की शादी में कभी नहीं आया था। फिर मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी और उसको ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा और तभी में भी झड़ने वाला था तो मैंने कहा कि मेरा निकलने वाला है। फिर उसने कहा कि अंदर ही डाल दो, मेरा अभी सेफ पीरियड है। फिर में एकदम से झड़ गया और उसको पकड़कर सो गया। फिर मैंने शिल्पा से पूछा कि कैसा लगा? तो उसने मुझे बहुत सारे किस दिए और बोली कि उसको उसके पति के साथ भी इतना मज़ा नहीं आया, जितना आज आया है। फिर मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों? तो उसने कहा कि उसके पति सेक्स को उनकी ड्यूटी समझते है और ना ही इन्जॉय करते है और ना कभी सक करते और जल्दी झड़ जाते है। उसने मुझे ये भी बताया कि जब भी वो कुछ करना चाहे तो उसके पति उसको नकारते है, जिससे उसको बुरा महसूस होता है। फिर में उठा और अपने आपको साफ किया और कपड़े पहनने लगा, वो अपने बेड पर ऐसे ही नंगी सोई थी और मुझे बड़े प्यार से देख रही थी।
फिर मैंने कहा कि मुझे बहुत ग़लत लग रहा है कि में अपनी पत्नी को धोखा दे रहा हूँ और वो अपने पति को धोखा दे रही है। फिर शिल्पा बोली कि इसमें कोई ग़लती नहीं लगती, क्योंकि वो अपने पति से खुश नहीं है और उसने जब मुझे देखा तो उसको में बहुत पसंद आया और उसका प्यार तब बढ़ा, जब वो मुझसे बातें करने लगी और उसको सब सही लगा, क्योंकि वो ऐसे ही किसी को अपना बदन नहीं दे सकती। फिर शिल्पा ने कहा कि आपने मेरी मदद की है, इसलिए में आपकी शुक्रगुजार हूँ और उसने कहा कि आपकी पत्नी तो लकी है, जो उनको इतना लविंग पति मिला है। अब में उसके घर से निकलने लगा तो वो फिर से गाउन पहनकर दरवाजे तक आ गयी और पीछे से लिपट गयी और बोली कि थोड़ा रुक जाओ। फिर मैंने कहा कि में कल सुबह जिम के टाईम पर तुम्हारे घर आऊंगा और सुबह एक्सरसाईज़ घर पर ही करेंगे।
अब वो खुश हो गयी और बोली कि अब तो आपका मोबाईल नंबर दे दो। फिर मैंने उसे अपना मोबाईल नंबर दे दिया। अब में दरवाजा खोलने ही वाला था कि उसने पूछा कि पहली बार नंबर क्यों नहीं दिया? तो मैंने कहा कि ऐसे किसी को भी में मेरा नम्बर कैसे दे दूँ? फिर उसने कहा कि यही बात उसको सबसे अच्छी लगी और उसने डिसाईड किया कि वो मेरे साथ संबंध बढ़ायेंगी। फिर उसने कहा कि आजकल तो बिना माँगे ही लोग अपना मोबाईल नंबर दे देते है और आपसे तो एक औरत ने मोबाईल नंबर माँगा था और आपने नहीं दिए थे। फिर मैंने उसको बाय किया और घर आ गया ।।


makan malkin ki gand mari Hindi Audio Story


Mastani Bhabhi : नमस्कार दोस्तो मेरा नाम मनीष है. मैं अपनी एक सच्ची कहानी आपको सुनाना चाहता हू. वैसे तोह मैं पेशे से इंजिनियर हू. और दिल्ही काम करता हू. मेरे भाई की शादी ३ साल पहेले हो चुकी थी. और वो दोनो कतर मे जॉब करते थे. पर मम्मी की तबीयत खराब होने के कारण भाभी को वापस इंडिया आना पड़ा. वैसे मेरे भाभी की भी आछी जॉब थी पर उन्हे आना पड़ा.
वैसे भाभी के अभी कोई बच्चा नही है क्यूकी दोनो अभी तक जॉब कर रहे थे. वैसे मेरी भाभी के बारे मे क्या कहु . भरा पूरा माल है वो. बदन भरा हुआ और दूध जैसे गोरी. भाई सच मे बहुत किस्मत वाले थे जो ऐसे माल मिली. वैसे मैं भाभी से ज़यादा बात नही करता था क्यूकी शादी के बाद ज़्यादा बात नही हुए थी और वो हनिमून के बाद सीधी ही कतर चले गये.
मैं हर वीक के शनिवार को घर आता हू और मंडे को ही वापस जाता हू. वैसे देवर भाभी के मज़ाक तो हमेशा चलते रहते है तो हमारे बीच भी ऐसा ही था. भाभी को मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मे भी पता था.




Subscribe Now to Get Latest hottest videos












बात २ सप्ताह पहेले की है जब मम्मी पापा शादी मे गये थे. वैसे भाभी को भी जाना था पेर उनकी तबीयत कारण होने के कारण वो नही जा पाई और मुझे घर रुकना पड़ा.हमने जल्दी रात का खाना का लिया. भाभी सोने चली गयी. उनको सिर मे दर्द था.
मैं थोड़ी देर तक टीवी देखता रहा फिर मैं हमेशा की तरह नेहा ( मेरी गर्लफ्रेंड) से बात करने लगा. और मैं उससे थोड़ी मस्ती भरी बाते करने लगा. पर थोड़ी देर बाद मैने गौर किया तो भाभी पीछे खडी थी. क्या लग रही थी वो. उन्होने पीले रंग की ढीली सा टॉप पहेना था. और काले रंग का एक लोवर पहेन रखा था. उनके मम्मे टॉप से मस्त लटक रहे थे. मन कर रहा था की टॉप फाड़ कर मम्मे मूह मे ले लू.
मैने फ्टाक से फोन काटा और भाभी से पूछा की क्या हुआ. वो मुझे देख कर हस रही थी और उन्होने मुझ से मज़ाक में कहा की फोन पे ही उसको मा मत बना देना. मैने भी मज़ाक मे कहा अगर कहने से मा बनने लगते तो आपको सबसे पहेले मा बना देता.
इतना कहने पर वो हस दी और कहा की बना दो मा. मुझे लगा की वो मज़ाक कर रही है क्यूकी मैं और भाभी हमेशा मज़ाक करते रहते थे.
उन्होने कहा की उन्हे नींद नही आ रही तो मैं उनके साथ मूवी देखु . मैने कहा की भाभी इसी टाइम मैं थोड़ी मस्ती करता हू पर आपके लिए सब कुर्बान. ये सुन कर वो ज़ोर ज़ोर से हसने लगी.
अब मुझे पहेले बार लगा की शायद भाभी के साथ कुछ चान्स है. मैने “दा अमेरिकन” मूवी लगा दी. अब मैं और भाभी एक सोफे पर बैठे थे. मैने उनके कंधे पर हाथ रख रखा था. थोड़ी देर मे वो मेरे बिल्कुल करीब आ गयी और मेरा हाथ उनके दूसरी तरफ के हाथ पर था. थोड़ी देर बाद एक सेक्स सीन आया. मैने हटाने के लिए रिमोट उठाया तो भाभी ने हस कर कहा की करने को तो मिलता नही है कम से कम देकने तो दो. मैं थोड़ा शर्मा गया.
आचनक उन्होने अपना हाथ आगे किया तोह मेरा हाथ उनके बोबे पर आ गया. पहेले तोह मैं घबरा गया की भाभी क्या सोचेगी पर भाभी ने कुछ नही कहा. मैने हाथ तोह बोबे पेर रखा था पर और कुछ नही किया. थोड़ी देर मे मेरी हिम्मत बढ़ी और मैं उनके मम्मो को हौले हौले सहलाने लगा.
क्या बड़े बूब्स थे उनके मेरे हाथ मे भी नही आ रहे थे. उनके बूब्स दबा कर मैं तो जैसे जन्नत मे आ गया. सच मे इतने मोटे बूब्स. मन कर रहा था की दोनो कबूतर आज़ाद कर दू. उन्होने अब तक कुछ नही कहा था.
मेरी हिम्मत थोड़ी और बड़ी और उनके दूसरे मम्मे को भी अपने दूसेरा हाथ मे ले लिया. अब उन्होने थोड़ा मना करना चाहा तो मैने अनसुना कर दिया. अब मैने ज़ोर से बूब्स दबाना शुरू कर दिया. अब वो मुह से आहे निकाल रही थी. अब मैने उनसे कहा की मैं उन्हे मा बनाना चाहता हू. उन्होने मुझ से मना कर दिया. पर मेरा लॅंड तो कुछ मानने को तय्यार नही था.
मैने उन्हे अपने हाथो मे जकड लिया. और मैने उन्न्हे चूमना शुरू कर दिया . अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैने टॉप के अंदर हाथ दल दिया. और ढंग से दबाने लगा. मुझे जान कर बहुत आजीब लगा की उन्होने ब्रा नही पहेने थी. तभी उनके बूब्स इतने मस्त लग रहे थे . मैने धीरे धीरे उनके टॉप को उपर किया और मम्मे मूह मे ले लिया. भाभी अब मूह से आवाज़ निकल रही थी. आहह उहह ….. क्या निप्पल थे गुलाबी गुलाबी . वो बिल्कुल तने हुए थे. मैने उनके निप्पल चूसने लगा और बीच बीच मे निप्पल को काटा . अब वो और अग्रेसिवे हो गयी थी.
मैने धीरे धीरे लोवर मे हाथ डाल दिया . और उनकी चूत मे उंगली करने लगा. उनकी चूत गीली हो चुकी थी शायद उन्हे भी मज़ा आ रहा था. गीली चूत मे अंगुली डाल कर अलग ही मज़ा आ रहा था. मैने टॉप थोड़ा नीचे किया और भाभी की चूत को निहारने लगा. चूत मे हाथ डालना भाभी को भी भा रहा था.
थोड़ी देर बाद मैने लोवर और टॉप उतार दिया. मा कसम ऐसी बला कभी नही देखी थी . बिना कपड़ो के भाभी क्या लग रही थी. मैं उनको ५ मिनिट तक उन्हे देखता रहा. उनकी नज़र नीची थी शायद उन्हे शरम आ रही थी.
अब भाभी मेरे लॅंड को लोवर के बाहर से सहलाने लगी. अब मैने अपना नाग(लॅंड) अपने बिल से निकाला. मेरा लॅंड देख कर भाभी पागल हो गयी. वैसे मेरा लॅंड 7 इंच लंबा और ३ इंच मोटा है. वो मेरे लॅंड को ऐसे पी रही थी जैसे वो कोई कोल्ड ड्रिंक की बोतल हो. भाभी मेरे लॅंड को बुरी तरह चूस रही थी. अब वो मूठ मार के दे रही थी.मैने अपना माल उनके मूह मे डाल दिया. और वो सारा का सारा माल पी गयी.
अब मैने भाभी के चूत को चाटना शुरू किया. क्या गुलाबी चूत थी. पर उनकी चूत ढीली थी. हो भी कैसे ना भाई ने ३ साल ड्रिलिंग की थी. मैने अपने लॅंड को उनके चूत पेर घीसना शुरू किया. वो मस्त मस्त आवाज़ निकल रही थी. अब मैने लॅंड को चूत के दरवाजे पे लगा दिया और ज़ोर से धक्का मारा और मेरा लॅंड उनकी चूत मे विसरजित हो गया . अब मैने तेज धक्के लगाना शुरू कर दिया. अब उनको भी मज़ा आने लगा.
मैने 10 मिनिट तक उनकी चूत फाडी . बाद मे झड़ गया. भाभी ने माल चूत मे ना डाल कर मूह मे डालने को कहा . शायद उन्हे मा बनने का डर था. उस दिन मैने २ बार और भाभी की छूट फाडी.
अब हम जब भी मौका मील्ता है तब भाभी की सेवा करता हू.
उम्मीद करता हू मेरी ये कहानी पसंद आई होगी.




Wednesday 21 September 2016

Jeth ne choot ki band baja di Hindi Audio

Nangi Shaadi Aur Samuhik Chudai : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 19 साल है। ये कहानी एक साल पहले की है जिसमें 2  फेमिली है, एक मेरी और दूसरी हमारे फेमिली फ्रेंड प्रकाश अंकल की है। मेरी फेमिली में हम 5 लोग है में, मम्मी, पापा और दो बहनें, जो अभी पढ़ रही है और प्रकाश अंकल की फेमिली में 6 लोग है वो, उनकी वाईफ और 3 बेटे और एक बेटी, जो कि 19 साल की है और वो अभी पढ़ रही है। एक दिन प्रकाश अंकल और उनकी वाईफ हमारे घर आए, अब वो मेरे पापा और मम्मी से बात कर रहे थे। वो लोग कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, वो लोग छुट्टी मनाने ऊटी जाने का प्लान बनाकर रविवार को निकल गये। वो दोनों अंकल, आंटी और मेरे मम्मी, पापा और हम सब बच्चे अपने घर पर ही थे।



Subscribe Now to Get Latest hottest videos










अब में आपको बता दूँ कि मेरी दोनों बहनों का नाम रीता और मीना है, वो दोनों जुड़वा है और बहुत सेक्सी है। वो 19 साल की कामुक लड़कियां है और प्रकाश अंकल के बेटे प्रीतम 21 साल, पिंटू 20 साल और सिंटू 19 साल के है। हमारे पापा मम्मी की तरह हम सब भी अच्छे दोस्त थे और बहुत बार मेरी दोनों बहने पूजा के पास जाया करती थी और हम भी प्रीतम और उसके भाइयों के साथ बाहर जाते थे। इस तरह जब हमारे पापा मम्मी ऊटी गये थे, तो हम लोग अपने एग्जॉम में व्यस्त थे और अचानक हमें एक शॉक लगा और पता चला कि रोड़ एक्सिडेंट में हमारे माता पिता की मौत हो गई है। फिर हम सबने बहुत दुख से उन सभी का क्रियाकर्म किया। उस समय मेरे पास कुछ नहीं था, फिर में प्रीतम और उसके भाइयों के घर गया। फिर थोड़ी देर तक बात करने के बाद हमने फ़ैसला कर लिया कि हम सब साथ में रहेंगे। फिर में अपनी दोनों बहनों के साथ उनके घर चला गया और फिर हम एक साथ रहने लगे। फिर करीब 5 महीने के बाद हम सब घुल मिल गये और मस्त रहने लगे। अब प्रीतम और में बिज़नस किया करते और घर चलाया करते। फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए।
प्रीतम : क्या यार, अब हमारी शादी कैसे होगी?
में : हाँ यार, में भी यही सोच रहा हूँ।
प्रीतम :  एक बात बोलूं।
में : हाँ बोल।
प्रीतम : मुझे तेरी बहन मीना बहुत पसंद है, क्या में उससे शादी कर सकता हूँ?
में :  हाँ, मगर एक शर्त है।
प्रीतम :  बोल।
में : मुझे भी तेरी बहन बहुत पसंद है।
प्रीतम : ये तो खुशी की बात है चल आज ही मीटिंग करते है।
फिर घर आने के बाद हम सब डिनर टेबल पर बैठे और प्रीतम ने पूछा कि जिसको भी शादी करनी है वो हाथ उठाओ, तो सबने अपना हाथ उठाया और हम चौंक गये, तो मीना बोली कि लेकिन करेगें किससे?
में :  देख हम सब जवान है और अलग-अलग फेमिली से बिलॉंग करते है, क्यों ना हम आपस में शादी  कर ले?
तो सब राजी हो गये और अब सब खुश लग रहे थे, तो पिंटू ने कहा कि लेकिन एक प्रोब्लम है दोस्तों।
में : क्या?
पिंटू : हम 4 लड़के है और लड़कियां 3 ही है, कैसे शादी होगी?
प्रीतम : कुछ सोचो यार।
फिर हम एक फैसले पर आए कि मेरी बहन रीता के दो पति होगें, तो सब राजी हो गये।
अब हम सब शर्म छोड़ चुके थे और खुलकर बात कर रहे थे। फिर मैंने प्रीतम की बहन पूजा से कहा कि
क्या ख्याल है मेरी होने वाली पत्नी?
पूजा :  हाए मेरे राजा आई लव यू।
फिर हम सब हंस पड़े, फिर हमने अगले दिन शादी का प्लान किया और सब खुश हो गये, क्योंकि सब हवस में पागल थे। फिर दूसरे दिन सभी लड़कियां साड़ी पहने थी और सब लड़के कुर्ता पजामा पहने थे,  फिर मैंने कहा कि क्यों ना शादी एक नयी स्टाइल में की जाए?
प्रीतम :  कैसे?
में : क्यों ना हम कम से कम कपड़ो में शादी करे?
सिंटू :  अच्छा आईडिया है।
में :  गर्ल्स सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में और बॉय सिर्फ शॉर्ट्स पहनकर शादी करे।
पूजा : आईडिया अच्छा है।
फिर हम सबने अपने-अपने कपड़े उतारे और ड्रेस कोड में आ गये। अब मीना और रीता ने ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी थी और पूजा ने रेड कलर की ब्रा पेंटी पहनी थी और सभी बॉय ने ब्लू कलर की शॉर्ट पहनी हुई थी।
पूजा : लेकिन, हम शादी शुरू कैसे करे?
फिर हमने हॉल में सब गद्दे बिछाए और अब हम हार पहनाकर शादी कर रहे थे।
रीता :  सिंदूर कहाँ है?
प्रीतम :  हाँ, सिंदूर हम माँग में नहीं चूत में भरेंगे।
तो वो खुश हो गई और अब सब लेडीस अपनी पेंटी को साईड में करके खड़ी थी।
में : हम सिंदूर हाथ से नहीं लंड से भरेंगे।
तो सब राजी हो गये, फिर मैंने अपने 8 इंच के लंड पर सिंदूर लगाया और पूजा की नाज़ुक चूत पर  सिंदूर लगाया। वही पिंटू और सिंटू ने मेरी बहन रीता की चूत पर सिंदूर लगाया और प्रीतम ने मीना की चूत पर अपना लंड लगाकर शादी कर ली थी। अब हम सब रोमांस कर रहे थे, अब में पूजा की ब्रा खोलकर उसके 19 साल के निपल चूस रहा था। अब वो बहुत सिसकियां मार रही थी, अब रीता पिंटू और सिंटू के साथ मज़े ले रही थी और प्रीतम मीना की चूत को चाट रहा था। अब में भी पूजा की चूत चाट रहा था। अब वो लाल हो गई थी और में उसकी चूत पर अपना लंड मसल रहा था और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने एक जोरदार धक्के के साथ पूजा की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो वो चीख उठी और वहीँ मीना का भी यही हाल था और रीता भी एक लंड चूस रही थी और दूसरा लंड अपनी चूत में ले रही थी। इस तरह से हमने रात के तीन बजे तक चुदाई की और अब सब कई बार झड़ चुके थे। फिर सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि पूजा मेरी बाहों में सो रही है, मीना प्रीतम का लंड अपनी चूत में लिए सो रही हैं और रीता के दोनों साईड में सिंटू पिंटू सो रहे थे। फिर मैंने सबको उठाया और कहा कि नहा लो, तो अब सब उठकर एक दूसरे को देख रहे थे और फिर सबने अपनी बीवियों को मॉर्निंग किस किया और बीवियों ने लंड मुँह में लेकर सबको ठीक से जगाया। अब सब कपल एक के बाद एक बाथरूम में जा कर चुदाई के साथ फ्रेश होकर कपड़े पहनकर बाहर आए और नाश्ता किया।
तभी पूजा ने कहा कि आज राखी है हम सब अच्छे से मनायेंगे, तो मैंने कहा कि अच्छा आइडिया है।

Driver Ki Beti Paise Ke Liye Chuudi Hindi audio


Office Mein Chudai Ka Client : कहते हैं कि किसी औरत को गैर-मर्द के साथ अकेला नहीं छोड़ना चाहिये क्योंकि मर्द उसे पकड़ कर चोदने की ही सोचेगा। कैसे इसकी चूत में अपना लंड डाल दूँ – यही ख्याल उसके मन में कुलबुलायेगा। दोस्तों मेरे साथ ऐसा ही हुआ।
गरमी के दिन थे और भरी दोपहर थी। मैं अपने घर में अकेला था क्योंकि अभी मेरी शादी नहीं हुई थी। मैंने घर में कुछ ज़रूरी काम करने के लिये ऑफिस से छुट्टी ले रखी थी। काम निबटा कर मैं बेडरूम में ठंडी बीयर का आनन्द ले रहा था।
करीब एक बजे दरवाजे पर हुआ टिंग-टोंग! दरवाजा खोला तो सामने मानो एक अप्सरा खड़ी थी। पैंतीस-छत्तीस साल की साँवली और गज़ब की सुंदर औरत साड़ी पहने हुए और हाथों में कागज़ और कलम लिये हुए कोयल का आवाज़ में बोली, “माफ़ कीजियेगा! क्या कोई लेडी हैं घर में?”


Subscribe Now to Get Latest hottest videos










मैंने कहा, “जी नहीं, मैं बेचलर हूँ और अकेला ही रहता हूँ। आप कौन हैं?”
उसके माथे पर पसीने की कुछ बूंदें थी। वोह बोली, “ज़रा एक ग्लास पानी मिलेगा?”
मैंने कहा, “हाँ, क्यों नहीं?”
वोह ज़रा सा अंदर आयी। मैंने पानी का ग्लास देते हुए पूछा, “क्या बात है, आप हैं कौन?”
पानी पी कर वोह बोली, “जी मेरा नाम सना खान है और मुझे एक कनज़्यूमर कंपनी ने भेजा है सर्वे के लिये। क्या आप मेरे कुछ सवालों का जवाब दे देंगे?”
मैंने कहा, “जी कोशिश कर सकता हूँ। आप प्लीज़ यहाँ बैठ जाइये।”
वोह सोफ़े पर बैठ गयी और हमारे घर का दरवाजा अभी खुला ही था। मैंने दूसरे सोफ़े पर बैठ कर कहा, “पूछिये जो पूछना है।”
वो बोली, “जी आपका नाम और आपकी उम्र क्या है?”
“जी मैं प्रताप सिंघ हूँ और उम्रछब्बीस साल!” मैंने जवाब दिया।
“आप अपने घर की ज़रूरत की चीजें कहाँ से खरीदते हैं?” इस तरह वो सवाल पर सवाल पूछती रही और मैं जवाब देता गया।
कुछ देर बाद मैंने पूछा, “इस तरह इतनी गर्मी के वैदर में भी आप क्या सब घरों में जाकर सर्वे करती हैं?”
“जी, जॉब तो जॉब ही है ना।”
“तो आप शादी शुदा हो कर (उसने बड़ी सी अंगूठी पहनी हुई थी) भी जॉब कर रही हैं?”
अब वो भी थोड़ी-सी खुल सी गयी। बोली, “क्यों, शादी शुदा औरत जॉब नहीं कर सकती?”
“जी यह बात नहीं, घर-घर जाना, जाने किस घर में कैसे लोग मिल जायें?”
उसने जवाब दिया, “वैसे तो दिन के वक्त ज्यादातर हाऊज़वाइफ ही मिलती हैं। कभी-कभी ही कोई मेल मेंबर होता है।”
“तो आपको डर नहीं लगता।”
“जी अभी तक तो नहीं लगा। फिर आप जैसे शरीफ इंसान मिल जायें तो क्या डर?”
‘शरीफ इंसान’ – एक बार तो सुन कर अजीब लगा। इसे क्या मालूम कि मैं इसे किस नज़र से देख रहा था। साड़ी और ब्लाऊज़ के नीचे उसकी चूचियाँ तनी हुई थीं और मेरे लंड में खुजली सी होने लगी। जी चाह रहा था कि काश सिर्फ़ एक बार चूम सकता और ब्लाऊज़ के नीचे उन चूचियों को दबा सकता। हाथों कि अँगुलियाँ लंबी-लंबी मुलायम सी। वैसे ही मुलायम से सैक्सी पैर ऊँची ऐड़ी के सैंडलों में कसे हुए। देख-देख कर लंड महाराज खड़े हो ही गये। मन में ज़ोरों से ख्याल आ रहा था कि क्या गज़ब की अप्सरा है। इसकी तो चूत को हाथ लगाते ही शायद हाथ जल जायेगा।
तभी वोह बोली, “अच्छा, थैंक्स फ़ोर एवरीथिंग। मैं चलती हूँ।”
मानो पहाड़ टूट गया मेरे ऊपर। चली जायेगी तो हाथ से निकल ही जायेगी। अरे प्रताप, हिम्मत करो, आगे बढ़ो, कुछ बोलो ताकि रुक जये। इसकी चूत में अपना लंड नहीं डालना है क्या? चूत में लंड? इस ख्याल ने बड़ी हिम्मत दी।
“माफ़ कीजियेगा सना जी, आप जैसी खूबसूरत औरत को थोड़ा केयरफुल रहना चाहिये।” मैंने डरते हुए कहा।
“खूबसूरत?”
मैं थोड़ा सा घबराया, लेकिन फिर हिम्मत करके बोला, “जी, खूबसूरत तो आप हैं ही। बुरा मत मानियेगा। आप प्लीज़ अब तो चाय पी कर ही जाइये।”
“चाय, लेकिन बनायेगा कौन?”
“मैं जो हूँ, कम से कम चाय तो बना ही सकता हूँ।”
वोह हंसते हुए बोली, “ठीक है… लेकिन इतनी गर्मी में चाय की बजाय कुछ ठंडा ज्यादा मुनासिब होगा!”
मैंने कहा, “क्यों नहीं… क्या पीना पसंद करेंगी… नींबू शर्बत या पेप्सी… वैसे मैं भी आपके आने के पहले चिल्ड बीयर ही पी रहा था!”
“तो फिर अगर आपको एतराज़ ना हो तो मैं भी बीयर ही ले लूँगी!” मुझे उससे इस जवाब की उम्मीद नहीं थी लेकिन मुझे बहुत खुशी हुई। मैंने उसे फिर बैठने को कहा और किचन में जाकर दो ग्लास और फ्रिज में से हेवर्ड फाइव थाऊसैंड बीयर की दो ठंडी बोतलें निकाल कर ले आया। हम दोनों बीयर पीने लगे और इधर मेरा लंड उबल रहा था। पहली बार किसी औरत के साथ बैठ कर बीयर पी रहा था और वो भी इतनी सुंदर औरत – और मुझे पता नहीं था कि कैसे आगे बढ़ूँ।
तभी वो बोली, “आप अकेले रहते हैं… शादी क्यों नहीं कर लेते?”
मैंने जवाब दिया, “जी घर वाले तो काफी ज़ोर दे रहे हैं लेकिन कोई लड़की अभी तक पसंद ही नहीं आयी!।” मैंने अब और हिम्मत कर के कहा, “सना जी, आप वाकय में बहुत खूबसूरत हैं। और बहुत अच्छी भी। आपके हसबैंड बहुत ही खुशनसीब इंसान हैं।”
“आप प्लीज़ बार-बार ऐसे ना कहिये। और मुझे सना जी क्यों कह रहे हैं। मैं उम्र में आपसे बड़ी ज़रूर हूँ लेकिन इतनी ज़्यादा भी नहीं!” वो इतराते हुए अदा से मुस्कुरा कर बोली।
दोस्तों यह हिंट काफ़ी था मेरे लिये। मैं समझ गया कि ये अब चुदवाने को आसानी से तैयार हो जायेगी। हमारी बीयर भी खतम होने आयी थी।
“ठीक है, सना जी नहीं… सना… तुम भी मुझे आप-आप ना कहो! वैसे तुम कितनी खूबसूरत हो, मैं बताऊँ?”
“कहा तो है तुमने कईं बार। अब भी बताना बाकी है?”
“बाकी तो है। अपनी बीयर खतम करके बस एक बार अपनी आँखें बन्द करो… प्लीज़।”
दो-तीन घूँट में जल्दी से बीयर खतम करके उसने आँखें बंद की। मैंने कहा, “आँखें बंद ही रखना।” मैंने उसे कुहनी से पकड़ कर खड़ा किया और हल्के से मैंने उसके गुलाबी-गुलाबी नर्म-नर्म होंठों पर अपने होंठ रख दिये। एक बिजली सी दौड़ गयी मेरे शरीर में। लंड एकदम तन गया और पैंट से बाहर आने के लिये तड़पने लगा। उसने तुरन्त आँखें खोलीं और आवाक सी मुझे देखती रही और फिर मुस्कुरा कर और शर्मा कर मेरी बाँहों में आ गयी। मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। कस कर मैंने उसे अपनी बाँहों में दबोच लिय। ऐसा लग रहा था बस यूँ ही पकड़े रहूँ। फिर मैंने सोचा कि अब समय नहीं बर्बाद करना चाहिये। पका हुआ फल है, बस खा लो।
तुरंत अपनी बाँहों में मैंने उसे उठाया (बहुत ही हल्की थी) और बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। उसकी आँखों में प्यास नज़र आ रही थी। साड़ी और सैंडल पहने हुए बिस्तर पर लेटी हुई वो प्यार भरी नज़रों से मुझे देख रही थी। ब्लाऊज़ में से उसके बूब्स ऊपर नीचे होते हुए देख कर मैं पागल हो गया। आहिस्ते से साड़ी को एक तरफ़ करके मैंने उसकी दाहिनी चूंची को ऊपर से हल्के से दबाया। एक सिरहन सी दौड़ गयी उसके शरीर में।
वो तड़प कर बोली, “प्लीज़ प्रताप! जल्दी से! कोई आ ही ना जाये।”
“घबराओ नहीं, सना डार्लिंग। बस मज़ा लेती रहो। आज मैं तुम्हे दिखला दूँगा कि प्यार किसे कहते हैं। खूब चोदूँगा मेरी रानी।” मैं एकदम फ़ोर्म में था। यह कहते हुए मैंने उसकी चूचियों को खूब दबाया और होंठों को कस-कस कर चूसने लगा। फिर मैंने कहा, “चुदवाओगी ना?”
आह! गज़ब की कातिलाना मुस्कुराहट के साथ बोली, “प्रताप! तुम भी… बहुत बदमाश हो… तो क्या बीयर पी कर यहाँ तुम्हारे बिस्तर पे तीन पत्ती खेलने के लिये तुम्हारे आगोश में लेटी हूँ! अब इस भरी दोपहर में दर-दर भटकने की बजाय यही अच्छा है।”
“सना रानी, बदमाश तो तुम भी कम नहीं हो!” और उसके नर्म-नर्म गालों को हाथ में ले कर होंठों का खूब रसपान किया। मैं उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर था। चूत मुझे महसूस हो रही थी और उसकी चूचियाँ… गज़ब की तनी हुई… मेरे सीने में चुभ-चुभ कर बहुत ही आनंद दे रही थी। दाहिने हाथ से अब मैंने उसकी बाँयी चूंची को खुब दबाया और एक्साईटमेंट में ब्लाऊज़ के नीचे हाथ घुसा कर उसे पकड़ना चाहा।
“प्रताप, ब्लाऊज़ खोल दो ना।” उसका यह कहना था और मैंने तुरन्त ब्लाऊज़ के बटन खोले और उसे घुमा कर साथ ही साथ ब्रा का हुक खोला और पीछे से ही उसके बूब्स को पुरा समेट लिया। आहा, क्या फ़ीलिंग थी, सख्त और नरम दोनों, गरम मानो आग हो। निप्पल एकदम तने हुए। जल्दी-जल्दी ब्लाऊज़ और ब्रा को हटाया। साड़ी को परे किया और पेटीकोट के नाड़े को खोल कर उसे हटाया। पिंक पैंटी और सफेद हाई-हील के सैंडल पहने हुए सना को नंगी लेटी हुई देख कर तो मैं बर्दाश्त ही नहीं कर सका। मैंने अब अपने कपड़े जल्दी-जल्दी उतारे। लंड तन कर बाहर आ गया और ऊपर की तरफ़ हो कर तड़पने लगा। उसका एक हाथ ले कर मैंने अपने फड़कते हुए लंड पर रख दिया।
“उफ हाय अल्लाह कितना बड़ा और मोटा है”, वोह बोली और आहिस्ता-आहिस्ता लंड को आगे पीछे हिलाने लगी। शादी शुदा औरत को चोदने का यही मज़ा है। कुछ सिखाना नहीं पड़ता। वो सब जानती है और आमतौर पर शादी शुदा औरतें फैमली प्लैनिंग के लिये पिल्स या कोई और इंतज़ाम करती हैं तो कंडोम की भी ज़रूरत नहीं।
मैंने आखिर पूछ ही लिया, “सना डार्लिंग, कंडोम लगाऊँ?”
वो मुँह हिलाते हुए मना करते हुए खिलखिलायी, “सब ठीक है। मैं पिल्स लेती हूँ।”
मैंने अब उसके बदन से उस पिंक पैंटी को हटाया और इतमिनान से उसकी चूत को निहारा। एक दम साफ चिकनी सुंदर सी चूत थी। कुछ फूली हुई थी। मैंने उसके ऊपर हाथ रखा और हल्के से दबाया। अँगुली ऐसे घुसी जैसे मक्खन में छूरी। रस बह रहा था और चूत एकदम गीली थी। मैं जैसे सब कुछ एक साथ कर रहा था। कभी उसके होंठों को चूसता, चूचियों को दबाता – कभी एक हाथ से कभी दोनों से। एकदम टाइट गोल और तनी हुई चूचियाँ। उसके सोने जैसे बदन पर कभी हाथ फिराता। फिर मैंने उसकी चूचियों को खूब चूसा और अँगुलियों से उसकी बूर में खूब अंदर बाहर करके हिलाया।
“सना, अब मैं नहीं रह सकता, अब तो चोदना ही पड़ेगा। कस-कस कर चोदूँगा मेरी रानी।”
पहली बार उसके मुँह से अब सुना, “चोद दो ना प्रताप, बस अब चोद दो।”
मज़ा लेते हुए मैंने पूछा, “क्या चोदूँ जानेमन। एक बार फिर से कहो ना। तुम्हारे मुँह से सुनने में कितना अच्छा लग रहा है।”
“अब चोदो ना… इस… इस चूत को।”
“अब मैं तेरी गरम-गरम और गुलाबी-गुलाबी बूर में अपना ये लंड घुसाऊँगा और कस-कस कर चोदूँगा।” मैंने अपना लंड उसकी बूर के मुँह पर रखा और हल्के से धक्का दिया। उसने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ा और गाईड करते हुए अपनी चूत में डाल दिया। दोस्तों मानो मैं जन्नत में आ गया।
मैं बोल ही उठा, “उफ़, क्या चूत है सना। मज़ा आ गया।”
उसने भी एक्साइट हो कर कहा, “चोद दो प्रताप… बस अब इस चूत को खूब चोदो।”
दोस्तों… चूचियाँ दबाते हुए, होंठ चूसते हुए ज़ोर-ज़ोर से चोद-चोद कर ऐसा मज़ा मिल रहा था कि पता ही नहीं चला कि कब मैं झड़ गया। झड़ते-झड़ते भी मैं उसे बस चोदता ही रहा और चोदता ही रहा।
“सना… बहुत टेस्ती चुदाई थी यार। तुम तो गज़ब की चीज़ हो।”
“मुझे भी बेहद मज़ा आया, प्रताप।” वो कसकर मुझे पकड़ते हुए बोली। उसकी चूचियाँ मेरे सीने से लग कर एक अलग ही आनंद दे रही थी। दोस्तों, फिर बीस मिनट बाद, पहले तो मैंने उसकी बूर को चाटा और उसने मेरे लंड को चूसा, हल्के-हल्के। फिर हमने कस-कस कर चुदाई की और इस बार झड़ने में काफी समय लगा। मैंने शायद उसकी चूचियाँ और बूर और होंठ और गाल के किसी भी अंग को चूसे बगैर नहीं छोड़ा। इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था। बस गज़ब की चीज़ थी वो औरत।
कपड़े पहनने के बाद मैंने पूछा, “सना, अब तो तुम्हें और कईं बार चोदना पड़ेगा। अपनी इस प्यारी सी चूत और प्यारी-प्यारी चूचियों और प्यारे-प्यारे होंठों और प्यारी-प्यारी सना डार्लिंग के दर्शन करवाओगी ना?” मैंने उसका फोन नंबर ले लिया और कह दिया कि मैं बता दूँगा जिस दिन मैं दिन में घर पे होऊँगा!
अब वोह मुझसे फ़्री हो गयी थी और बोली, “प्रताप, डोंट वरी, जब भी मुनासिब मौका मिलेगा खूब चुदाई करेंगे!”
उसकी यह बात सुनते ही मैंने उसे एक बार और बाँहों में भींच लिया और उसके होंठों का एक तगड़ा चुंबन लिया। फिर वो मेरे बंधन से आज़ाद होकर दरवाजे से बाहर निकल गयी। कुछ दूर जाकर पीछे मुड़ी और एक मुस्कान बिखेर कर धीरे-धीरे मेरी आँखों से ओझल हो गयी।